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सावन-मास में शिव-जलाभिषेक का महात्म्य | Sawan ka mahina kyun hai khaas? | Kanwar yatra

हिंदू शास्त्रों के अनुसार बारह महिनों में सावन/श्रावण मास का महात्म्य सुनने योग्य है क्योंकि इसका सीधा संबंध देवाधिदेव महादेव से जुड़ा है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार सावन का महिना शिव भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है अतः संपूर्ण भारत वर्ष में इसे पावन पर्व के रुप में मनाया जाता है। इस पवित्र माह के महात्म्य के श्रवण मात्र से ही हर प्रकार के दुःख-दरिद्र, रोग-दोष दूर होते हैं। इस महिने में किया गया दान-पून्य, भक्ति, पूजा-अर्चना का फल सहस्त्र गुणा अधिक मिलता है। सावन/श्रावण मास की पुर्णिमा भी सामान्यतः श्रावण नक्षत्र में पड़ती है।  इस दिन किए गए व्रत, पूजा-पाठ, सच्चे मन से की गई प्रार्थना से अखंड-सौभाग्य, सौंदर्य एवं रिद्धि-सिद्धि का वरदान प्राप्त होता है। वज़ोबिआना के इस लेख में सावन का महिना क्यों है खास/Sawan ka mahina kyun hai khas सामान्यतः निम्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है: 1) सावन/श्रावण मास में शिव-जलाभिषेक का महात्म्य/महत्व  2) पुत्रदा एकादशी 3) श्रावण मास की एकादशी का महात्म्य/महत्व  4) कांवड़ यात्रा  सावन के पावन महिने में शिव-जलाभिषेक क्यों किया जाता है, सावन का म...
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जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा: Covid-19 ke dauran kaise sampann hogi Jagannath Puri Rathyatra?

हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2022 में आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानिकि 01 जुलाई से 12 जुलाई तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच असंख्य श्रद्धालुओं के साथ श्रीरघुनाथ /जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इस साल 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान जगन्नाथपुरी रथ यात्रा का आयोजन सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी की गई गाइड लाइन्स को ध्यान में रखकर ही किया जाएगा। इसमें श्रधालुओं को शामिल करने की अनुमति नहीं दी गई है। यात्रा में केवल मंदिर में कार्यरत सेवक ही शामिल होंगे और उन्हें पार्टिसिपेशन से पहले अपना फ़ुली वैक्सिनेटिड सर्टिफिकेट/fully vaccinated certificate एवं कोरोना नैगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। हिंदु पंचांग के अनुसार इस वर्ष 2021में भी हमेशा की तरह जगन्नाथपुरी रथ यात्रा आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाएगी। इस बार रथ यात्रा 12जुलाई,  2021 से शुरू हो कर 20जुलाई , 2021 तक चले गी। वज़ोबिआना के इस लेख में जगन्नाथपुरी रथ यात्रा के निम्न पहलुओं को दर्शाया गया है: 1) जगन्नाथपुरी मंदिर का संक्षिप्त परिचय एवं ऐतिहासिक महत्व: 2) जगन्नाथपुरी मंदिर से जुड़...

हमारे पूर्वजों/पितरों की कहानी मेरी ज़ुबानी | Hamare purvajon/pitron ko Sharadhon main hi kyun yaad karein ham | Poem on Ancestors Hindi

हमारे पूर्वजों/पितरों (purvajon/pitron) की कहानी मेरी ज़ुबानी 'वज़ोबिआना' Wazobiana के इस लेख में आओ आज सुनाती हूं मैं हमारे पूर्वजों/पितरों की कहानी मेरी ज़ुबानी ! सिर्फ श्राद्धों में ही क्यों याद करें हम, आज भी जिंदा हैं वो हमारी स्मृतियों में हम सब के बीच "एक मधुर याद बनकर" प्रथम नमन है उनको मेरा जिन्होंने हमें संसार दिखाया ! स्वयं मिट्टी के घरौंदों में रहकर हमें स्वच्छंद, उन्मुक्त गगन में उड़ने का हुनर सिखाया !! अंतहीन होती हैं इंसान की महत्वाकांक्षाएं न सुविधाएं थीं न साधन थे वे रखते थे खुद से ही अपेक्षाएं ! तभी तो मेरे पूर्वजों को जीवंत रखती थीं उनकी स्वयं की विशेषताएं !! आओ आज सुनाती हूं मैं हमारे पूर्वजों की कहानी मेरी ज़ुबानी ! सिर्फ श्राद्धों में ही क्यों याद करें हम, आज भी जिंदा हैं वो हमारी स्मृतियों में हम सबके बीच "एक मधुर याद बनकर" इतिहास गवाह है सदियों से हर लम्हा रहता था जिनके आंचल में मृदुल वसंत बेशक छूट गये वो दामन रश्तों में खूबसूरती हो या हों रिश्ते खूबसूरत चेहरे की मुस्कुराहट में अपनेपन की खुशबू थी स-स्नेह स्पंदन भरा था हृदय में  अगर या...

टोक्यो 2020 ओलंपिक में भारत की बेटी लवलीना बोरगोहेन का शानदार प्रदर्शन | Lovlina Borgohain ka janam Kahan hua aur kitne padak/medals jeete?

टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों में भारत की बेटियों ने अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए देश का नाम रौशन किया है। आज हम बात कर रहे हैं हिंदुस्तान के असम राज्य के गोलाघाट जिले में पैदा हुई  'Lovlina Borgohain'  के बारे में जो ओलंपिक 2020 खेलों में महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत की ओर से अपना शानदार प्रदर्शन दिखा रही हैं।  लवलीना बोरगोहेन का जन्म 2अक्तुबर, 1997  को असम राज्य में गोलाघाट जिले के एक छोटे से गांव बारामुखिया  में हुआ। उसके घर तक पहुंचने का रास्ता कच्चा एवं बारिश के मौसम में तो बेहद दलदल भरा है। ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद अब जाकर असम सरकार ने इस शायनिंग स्टार/shining star के घर तक रोड़/road का निर्माण करवा दिया ताकि मीडिया या आने-जाने वाले लोगों को कोई दिक्कत न हो। बचपन से ही खेल-कूद में रुचि रखने वाली लवलीना बोरगोहेन दृढनिश्चयी एवं कर्मठ थी।  लवलीना बोरगोहेन को खाने में क्या पसंद है।   Lovlina's favourite food: लवलीना बोरगोहेन के माता-पिता के अनुसार बचपन से ही इनकी इस होनहार बेटी ने कभी भी खाने में कोई नख़रे नहीं दिखाए। वैसे तो इनकी माताजी...

बड़ा देव कमरूनाग का महत्व | प्राकृतिक सौंदर्य से घिरी अरबों के खजाने से भरी कमरूनाग झील का पौराणिक रहस्य | Exploring the mystery of a beautiful mythical/historical treasure Lake Kamrunag in Himachal Pradesh

आज हम आपको प्राकृतिक सौंदर्य से घिरी अरबों के खजाने से भरी एक ऐसी रहस्यमयी पौराणिक झील से अवगत करवाने जा रहे हैं जिसकी स्थापना रामायण और महाभारत काल में हुई मानी जाती है। इस झील में छुपा है अरबों का खज़ाना। हीरे-जवाहरात, सोना-चांदी, रूपए-पैसे और भी न जाने दुनिया में मौजूद एवं विलुप्त कितनी प्रकार की करंसी सम्माहित है इस अद्भुत, अविश्वसनीय, अलौकिक झील में।  ज्यादातर लोगों ने ऐसी झील के बारे में सिर्फ परियों वाली कहानियों में पढ़ा होगा या फिल्मों में देखा होगा लेकिन हम जिस अद्भुत खजाने से भरी झील के बारे में बताने जा रहे हैं ऐसी झील हकीकत में  हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले  के एक छोटे से पहाड़ी कस्बे की सबसे ऊंची चोटी पर आज भी मौजूद है। हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इस अथाह खज़ाने की सुरक्षा हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा नहीं की जाती और न ही कोई स्थानीय सुरक्षा बल तैनात है बल्कि इसकी सुरक्षा स्वयं नाग देवता करते हैं। समुद्र तल से लगभग 9000 फ़ीट की ऊंचाई पर बनी यह खूबसूरत झील देखने वालों को मंत्र मुग्ध कर देती है। प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा मानो प्रकृति ने अपनी सारी खूबसूरती इसी ज...

बच्चे झूठ बोलते हैं | झूठ बोलने से रोकने के बीस उपाय | Bachchon ko jhooth bolne se rokne ke 20 upaye

बच्चों का थोड़ा बहुत झूठ बोलना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन अगर बच्चा छोटी-छोटी बातों को लेकर अक्सर झूठ बोलता है तो माता-पिता/ पेरेंट्स को स्तर्क हो जाना चाहिए क्योंकि हर छोटी-बड़ी बात पर बोला गया झूठ बच्चों को बड़ी मुसीबत में डाल सकता है। बच्चों का बचपन गीली मिट्टी की तरह होता है जिन्हें पेरेंट्स या टीचर्स जो आकार देना चाहें जैसा बनाना चाहें बन जाते हैं। बच्चे घर में किस माहौल/वातावरण में रहते हैं, उनके आसपास क्या हो रहा है, वे क्या देख रहे हैं इन सब का उनके मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अच्छी और बुरी आदतों की शुरुआत भी यहीं से होती है। झूठ बोलने की बुरी आदत की भी शुरुआत यहां से ही होती है। वज़ोबिआना के इस आर्टिकल में मुख्यत: तीन पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है 1) बच्चे   झूठ कब और क्यों बोलते हैं? 2) माता-पिता कैसे जाने कि बच्चा झूठ बोल रहा है? 3) बच्चों को झूठ बोलने से रोकने के बीस उपाय? When children Start lying and why? How parents know that their children are lying?  20 tips/upaye to make children stop lying. 1) बच्चे झूठ कब और क्यों बोलते हैं? बच्चों को कभी भी कोई झूठ...

रक्षाबंधन 2021 कब है? रक्षाबंधन से जुड़ी कुछ पौराणिक एवं प्रचलित कथाएं | Raksha bandhan kab, kyun aur kaise manaya jata hai? Mythological stories about Raksha bandhan

हमारा देश भारत त्योहारों का देश है। हर त्योहार की तरह रक्षाबंधन का त्योहार भी देश दुनिया में भारतीय मूल के श्रद्धालुओं द्वारा मिलकर श्रद्धा एवं भक्ति-भावना से भाव विभोर हो होकर  बड़ी ही धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस बार   यानिकि   2021   में   रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त, श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाएगा। कोविड-19 (Covid-19) महामारी के चलते इस बार भी रक्षाबंधन का त्योहार सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाइड लाइन्स को ध्यान में रखकर ही मनाया जाएगा। वज़ोबिआना के इस लेख में मुख्य रूप सेे निम्न पहलुओं पर फ़ोकस किया गया है:  रक्षाबंधन का त्योहार कब, कैसे और क्यों मनाया जाता है? इसका महत्व क्या है? रक्षाबंधन से जुड़ी कुछ पौराणिक एवं प्रचलित कथाएं: Raksha bandhan kab, kyun aur kaise manaya jata hai? Some Mythological stories about Rakshabandhan:- हिंदु संस्कृति के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार बहन-भाई के अटूट एवं पवित्र रिश्ते का प्रतीक माना गया है। वास्तव में यह त्योहार एक दूसरे की रक्षा करने और रक्षा करवाने का पर्व है। रक्षाबंधन का यह पवित्र त्योहा...

बच्चों का मन पढ़ाई में कैसे केंद्रित करें? | Bachhon ka mann padhai mein kaise kendrit karein? | How to make children focus on studies during pandemic?

महामारी/pandemic के इस मुश्किल दौर के चलते देश/ दुनिया में जो माहौल बना हुआ है इससे हम में से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। बच्चों का बचपन घर की चारदीवारी में कैद हो गया है। उनकी मासूमियत भरी शरारतें, आजादी मानो छिन गई हो। चौबीसों घंटे मोबाइल, लैपटॉप जैसे इलैक्ट्रोनिक उपकरणों से घिरे रहना वर्तमान समय की जरूरत बन चुकी है। इस मुश्किल समय के चलते बच्चों का मन पढ़ाई में कैसे केंद्रित करें माता-पिता/पेरेंट्स के लिए चुनौती बन गया है। वैसे तो हर बच्चे की प्रथम पाठशाला उसका घर होती है और प्रथम गुरु उसके माता-पिता।   यहीं से शुरू होती है उसके ज्ञान अर्जित करने की प्रक्रिया। ज्यादातर माता-पिता की शिकायत रहती है कि बच्चे पढ़ाई में फ़ोकस नहीं कर पा रहे उनका मन पढ़ाई में कैसे केंद्रित करें। बच्चों का कहना है कि वे पढ़ना तो चाहते हैं लेकिन जैसे ही पढ़ने बैठते हैं उनके मन में कुछ इस तरह के विचार आते जाते हैं जिनकी वजह से वे पढ़ाई में फ़ोकस नहीं कर पाते। थोड़ा बहुत यदि बच्चे का मन पढ़ाई से भटकता है तो यह स्वाभाविक है लेकिन यदि बच्चे पढ़ ही नहीं पाएं तो माता-पिताा /पेरेंट्स के लिए यकीनन चिंता का विष...